तरह तरह के रंग बिरंगे फूल पात का आच्छादन है
भाँत भाँत के पशु पक्षी के कलरव से गुंजित वन है
नदी, प्रपात, झीलों, तालाबों से सराबोर यह जीवन है
विश्वास करो उस शक्ति पर जो इस सृष्टि में रहती है
निराकार हो कर भी हर पल, दुनिया को थामे रहती है
जीवन के नाना रूपों में उसी शक्ति का नाम लिखा है
धरती से नभ तक देखें तो सिर्फ उसी का रूप दिखा है
धड़कती है हर दिल में जो तेरी ही तो ज्योति शिखा है
विश्वास करो उस शक्ति पर जो इस सृष्टि में रहती है
निराकार हो कर भी हर पल, दुनिया को थामे रहती है
मैं जिस पथ पर चला सदा ही तूने मुझको राह दिखायी.
तू जब मेरे साथ चला तो मैंने अपनी मंज़िल पायी
तेरे होते पथ से विचलित करने वाले ने मुंह की खायी
विश्वास करो उस शक्ति पर जो इस सृष्टि में रहती है
निराकार हो कर भी हर पल, दुनिया को थामे रहती है
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