उस दिन मेरे पुराने सामान से निकली
एक पुरानी टाइमपीस
जिसका डायल गोल और
रंग गाढ़ा सुर्ख लाल था
बाहर का निक्कल अब भी
चाँदी सा था चमक रहा
रेडियम वाली सुइयाँ उसकी थीं जिससे
अंधकार में भी समय देखना संभव था
चाबी भरने से चलती थी घड़ी हमारी
मैंने चाबी भरी तो देखो चल निकली
और अलार्म बजा कि जैसे नींद खुली हो
तीस बरस के बाद पुनः
मन मयूर खिल उठा देख यह करतब सारा
और नाचने लगा किसी के बिन देखे
क्योंकि मेरे निजी संग्रह का वह हिस्सा थी
फिर से मैंने एहतियात से
टाइमपीस को उसी तरह से
उसी जगह पर रख छोड़ा है.
पुरानी टाइमपीस (Hindi)
Did you enjoy the the artible “पुरानी टाइमपीस (Hindi)” from Rajnish Manga on OZOFE.COM? Do you know anyone who could enjoy it as much as you do? If so, don't hesitate to share this post to them and your other beloved ones.
Leave a Reply