(1)
मेघा की झर झर से मदमाया मन.
मेघा की झर झर से मदमाया मन.
सूखे से अलसाया.
सूखे से अंसुआया.
सूखे से अंसुआया, तरुणाया मन.
मेघा की झर झर से मदमाया मन.
(2)
बहुत राह देखी थी इन्द्रधनुषों की.
बुझने न पायी मेरी प्यास वर्षों की.
प्यास यूँ बुझी है,
कि और भडकी है.
कि और भड़की है, मदमाया मन.
मेघा की झर झर से मदमाया मन.
(3)
फूटी है फसलों की मुस्कान पहली.
बरखा की धरती से पहचान पहली.
हरियाली निखरेगी,
द्वार द्वार बिखरेगी.
द्वार द्वार बिखरेगी, सरसाया मन.
मेघा की झर झर से मदमाया मन.
(4)
आशा की दुल्हिन ने घूँघट उघाड़ा है.
परदेसी प्रीतम आ, उमंग ने पुकारा है.
हर्ष से लगन से,
पुरबा छुअन से.
पुरबा छुअन से, ये कह आया मन.
मेघा की झर झर से मदमाया मन.
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(Faridabad, India)
(November 14,2014)
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