मनुष्य जीवन
शुक्रवार, २० सितम्बर २०१९
मनुष्य है कर्म प्रधान
यही है विधि का विधान
समाल लो अपनी कमान
और दिखा दो कमाल।
कितने आए और कितने चले गए
पाँव में चलते चलते छाले पड गए
पर ना गुमाई उम्मीद
लगा रही आस और ना छोड़ी जिद।
छोटा सा हो परिवार
उम्मीद रहती बरकरार
अच्छा शिक्षण हो प्रदान
यही गिना जाता महादान।
ज्ञान देने से बढ़ता
इसीलिए आदमी पढता
गिरता और फिर सम्हलता
दुःख को शाप नहीं समझता।
दे सको तो शिखा का दान देना
दिखावा कभी ना करना
आज के बच्चे बड़े होनहार है
देश का भविष्य और सर्जनहार है।
कर्मवीर बना है उनको
समझाना है देश की अखंडता को
ना व्यर्थ हो जाए मनुष्य जीवन
बस मन की कल्पनाओं को रखना है सजीवन।
हसमुख महेता
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