प्रभु मोरे
बुधवार, २२ मई २०१९
प्रभु मोरे अब, तो आन मिलो
अखियां तरस गई, कोई ना मिलो
प्रभु मोरी विनती तो सुनो!
मेरी आवाज तुम, तक तो पहुंचो।
ओ गिरधारी, मुरलीधारी
कर्ता हर्ता विघ्न हारी
मनोहर मुरली धारी
मेरे श्याम बिहारी।
प्रीत मने लागी
मोरी छिप तरस लागी
प्रभु मिलने को मन तरसे
अखिया बारी बारी वरसे
जनम जनम की में बिरही
प्रभि मन में बसी आस यही
अब तो मिल लो, जनम सुधारो
आपको ही है एक आसरो।
अंधेरो मिट जावे, जीवन प्रकाश पावे
मन में अनेरो, दर्शन होवे
दुनिया को रंग, मन ना भावे
सपनो में भी दर्शन पावे
हसमुख मेहता
Leave a Reply