कालेधन के खिलाफ
देश पे छाया
काले धन का साया
कोई कहे उसे सर्प ने दंश दिया
कोई कहे वो दूसरे रूप से वापस आया।
सब सोते रहे अपने अगल पड़ाव आने तक
लंबी तान रहे और लेते रहे मीठी नींद सर को सरहाने रख
हादसा इतना भयानक था की विश्वास ही नहीं हुआ
काला धन एक ही रात में रद्दी में परिवर्तित हुआ।
कौन फा गया और कौन सोते रहे गया!
बस अचानक भूकंप सतह पर आ गया
कई इमारते ढह गयी, लोग बहुत बोखलाए
सपने चकनाचूर हो गए और रात में ही कालाधन हो गए।
बहुत मुश्किल से इकठ्ठा किया था
सपना भी कुर्सी पर बिराजमान होने का था
पर सब नॉट अब गले में ही डालने पड़ेंगे
जब तक दुसरा धन ना आ जाएँ दुःख झेलने पड़ेंगे।
सभी के पाँव के निचे पानी बहाव आ रहा है
किसी ने चारा, किसीने चीट त फण्ड का घोटाला किया है
किसी ने अखबारपत्र को हथिया लिया है तो
किसी ने नौसिखिया साबित किया है।
सभी के पाँव के निचे पानी बहाव आ रहा है
किसी ने चारा, किसीने चीट त फण्ड का घोटाला किया है
किसी ने अखबारपत्र को हथिया लिया है तो
किसी ने नौसिखिया साबित किया है।
सर को कुल्हाड़ी पर मारो या कुल्हाड़ी को सरपर
लाल रक्त को जरूर आना है बाहर
बस मचालो थोड़ा और शोर शराबा
देश देखेगा आप की हरकत और भुगतेगा खराबा।
जनता खुश है या त्रस्त
आप सब हो गए है पस्त
ना आप कालेधन के खिलाफ हो सकते है
और नाही वादाखिलाफी के सुर ऊपर कर सकते है।
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