रोना नहीं
मंगलवार, १५ अप्रैल २०१९
कलाकार को रोना नहीं है
अपने ग़मों को छुपा ना नहीं है
अपना दर्द, अपना दर्द है
वो भी इधर इर्दगिर्द है।
मिलता नहीं सदा जो मांगते
मिल जाता वो ही बिना मांगते
फिर भी हम रटते रहते
वो ही चीज बारबार कहते।
गुनहगार हम नहीं
यादगार तुम ही सही
फिर भी ना मिला हमको सही यार
इसे तो कहते है प्यार
आए है तो जीना पडेगा
अपने आपको सिखाना पडेगा
प्यार करना कोई गुनाह नहीं
उसके पनाह देने जैसा कोई धर्म नहीं।
रह लेंगे, सेह लेंगें
बातेंभी करते रहेंगे
मिल जाए यदि सामने तो “रामराम” भी कर देंगे
आँखों को झुकाकर शर्म भी महसूस करेंगे।
हसमुख मेहता
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