ख़ुदा ने लीडरों को वो हुनरमंदी अता कर दी.
किसी को ग़र चवन्नी दी कसम से वो सता कर दी.
नहीं आये वो हलके में तो बरसों तक नहीं आये,
जो आये वो तो आने की खबर हल्ला मचा कर दी.
कभी तुम लौट कर आये न हमसे हाले दिल पूछा,
बताओ तो सही ऐसी भी हमने क्या खता कर दी.
जिन्होंने जान की परवाह न करके तुम्हें चाहा,
उन्हीं के घर जला डाले सितम की इंतिहा कर दी.
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