हँस के गुजार लेंगे
Thursday, May 10,2018
9: 54 AM
उसका क्या गया?
वो तो छोड़के चला गया
मेरे को किस्मत के सहारे छोड़ गया
नहीं पता उसको की कितना धोखा दे गया!
मुझे भनक भी नहीं लगी
बस मुंह भी नहीं दिखाया एकबारगी
वस ऐसे ही करनी थी आवारगी?
मुझे है दिल से दिल्लगी।
पता नहीं क्या सोचा होगा?
छोड़ने की वजह ढूंढता होगा
जब नहीं कुछ हाथा आया
तो कायर बनकर भाग गया।
वो तो मुर्दा जो गया जीवन में
आग लगा गया मेरे वन में
में बेसहारा नहीं किसी से
में डरती भी नहीं कानाफुन्सी से
जीवन का मतलब नहीं समझा वो
पेजलेसे ही निकला जालसाझ वो
मियत में खोट दिखा गया
बची खुचीसाख थी, उसे भी मिटा गया वो
में भुला नही पाउंगी
पर माफ भी नहीं कर पाउंगी
रो – रोकर गुजारने वाले कोई और होंगे
हमने प्यार लिया था तो बस हँसके गुजार लेंगे।
हसमुख अमथालाल मेहता
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