सफल होकर।
हर पल हर घड़ी मोत का साया है
लेकिन कोन बनपाता हम साया है?
हर पल साथ साथ बिताना है
और फिर अपने आपमें भी जताना है।
सोचा है जीवनपथ निराला है
मंगलमय और सुहाना है
कहते है यहाँ हर डगरपर परिक्षा होती है
हरे बुरे कामके लिए शिक्शा होती है।
हम निभाएंगे दिए हुए वचन
कर्म से बंधे रखेंगे कथन
ना विचारो में भेद होगा
ना करनी में और कोई भेष होगा।
हर रात एक सुहानी सी सुहागरात होगी
लड़खड़ाना उठना हमारे लिए नयी बात होगी
ना हम किसमत को कोसेंगे
और नाही अपने आचरण को रोयेंगे।
समय बड़ा बलवान होता है
पर सच तो सच ही होता है
हम खुद उसकी मिसाल बनेंगे
जीवन को उतना ही सार्थक करेँगे।
हाथ पकड़कर अब साथ साथ चलना है
जीवन में कुछ करके दिखाना है
हमने भी कुछ सोच के रखा है
खुद की रक्षा खुद ही करना है।
अग्नि फेरे हमारे मिलन के साक्षी होंगे
अब के बाद हम एक दूसरे के साथी होंगे
जीवनपथ पर चलना सौभाग्य होगा
हर उजाले पर जीवन का उदय होगा
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