भावना
सोमवार, ३१ दिसम्बर २०१८
मन में कामना हो
सदैव अच्छी भावना हो
अपने आप में एक मेल हो जाता है
और दिल को भाता भी है।
बुझुर्ग कहते है
अच्छीभावना मन का मेल धो देती है
पर आँखे कुछ नहीं कहती है
जबान भी नहीं बोलती है।
संबंध का कोई बांध नहीं
कोई रुकाव नहीं कोई रुकावट नहीं
जब भी मिलते है बस प्यार हीउमड़ता है
अपने दिल की बात कहता रहता है।
मन की आँखों का कोई द्वार नहीं
कोई पेहेरेदार नहीं
जब भी मन किया दरवाजा खुल गया
अपने दिल की बात आसानी से कह गया।
ऐसी हमारी सोच है
दिल में कोई खरोच नहीं है
मिल गया उसे अपना लिया
जो रूठ गया उसे भुला दिया।
भवसागर तैरना है
सब को साथ रखना है
अपना भी ख्याल रखना है
और दूसरों की भावना की भी कदर करना है
हसमुख मेहता
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