दर्शन का लाभ
शुक्रवार, ३ अगस्त २०१८
मोहना, मोहना
कहाँ कहाँ तुझे नहीं ढूंढा
मैंने सब से पूछा
नथी था किसीको तेरा पता।
तेरी बांसुरी का जादू
मै उसका क्या नाम दूँ!
उसमे समाया जग का कल्याण
मेरा भी अटका उसमे प्राण।
मन मेरा चाहे मिलने को
प्रत्यक्ष दर्शन करने को
मिलो मेरे मोहना, दर्द मिटाओ
जीवन भर की प्यास मिटाओ।
जग सारा शांति को झँखे
राम रखे उसे कौन चखे
मेरा मन व्याकुल रहता
मन ही मन एक ही बात कहता।
जग सूना और मन में दुःख
नहीं चाहिए कोईतन का सुख
बस प्रभू एक बार मिला दो
तन की लालसा यूँही मिटा दो।
भवभव का इंतजार मिटा दो
दर्शन दे के धन्य करा दो
आँखे मेरी थक गयी अब तो
दर्शन का लाभ अब तो दे दो।
हसमुख अमथालाल मेहता
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