खुशीओंका खजाना
वो पल जरूर आएगी
खुशीओंका खजाना लाएगी
मेरे सपने जरूर सच होंगे
वो सब मेरे करीब होंगे।
हम बने थे हमसफ़र
जाना था बहुत दूर
पता नहीं था कहाँ होगा सवेरा?
रातभर चलता कहा काफिला हमारा।
हम चलते गए आशा बनाए
किसीको निराशा ना जताए
मन में बुलंदी थी कुछ पाने की
बस चाह भी थी जीने की।
मिट भी सकते है
पहुँच भी सकते है
दोनों का होना संभव था
जिंदगी में एक कठिन चढ़ाव था।
बहुत खो चुके है
पर अभी नहीं खोना है
पाना हमारी किस्मत में है
किंमत भले ही कोई भी हो।
बस अब नहीं भुलाना
सिर्फ इरादा है पाना
वो मिलेंगे तो जरूर
हमे भी है चीज़ का गुरुर।
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