रानी बनकर रह जाएंगी।
मुझे मालूम था, तुम घर पर आओगी
सब के सामने मेरा, मजाक उड़ाओगी
में शर्म का मारा कुछ बोल न पाउँगा
घरवालों को कैसे मे रोक पाउँगा?
रोना था उसको, मुझे रुला गयी
प्यार का मतलब मुझे समझा गयी
मेंने सोचा था वो गुड़िया हीं रहेगी
मेरी बातोंको हमेशा मानती रहेगी।
वो तो बन गयी झाँसी कि रानी
सब की बन गयी हैरानी परेशानी
लोग पूछने लगे, क्या बात हो गयी?
मुझे शर्म के मारे पानी पानी कर गयीं।
मैंने मेरा मन खुला कर दिया
जो था दिल मे उसे उजागर कर दिया
वो जान गयी, मे रह ना पाउंगा
उसी का कहा मानूँगा ओर कभी ना तड़पाऊँगा।
वो तो हो गयीं शेरनी की नानी
उतर आई रुखपर करने मनमानी
पहला दांव उसने घरपर मारा
में तो हो गया हककाबक्का ओर अधमरा।
उसने चाहा था मुझे बहुत प्यार से
में भी चाहने लगा था बड़े चाव से
अंदर से वो फौलाद थी वो मैने ना जाना
हमने तो मांगा था बस सफ़र सुहाना।
शेर को सवा शेर मिल जाते है
कई तो सुनते ही बिच मे छोड़ जाते है
मेरी भी हाल कुछ ऐसा होने लगा है
प्यार का रोग अब महंगा लगनें लगा है।
प्यारा तो महज भावना हैं, हो ही जाता है
किसी को हंसाता ओर किसी को रुलाता है
मैंने सोचा वो कुछ समज नही पाऐगी
बस घर कि रानी बनकर रह जाएंगी।
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