ये मेरा आशियाना है
मैं नहीं बिकूँगा सरे आम
नाही लगेंगे मेरे दाम
न चलेगा कोई दंड, दाम और शाम
में हमेशा रहूंगा सादा और आम।
मेरी दोस्ती में यदि उन्हें लाभ दिखता है
और इसलिए दोस्ती रखना चाहता है
मुझे कोई रूचि उसमे नहीं
वो लिप्त रहेगा उसमे, में नहीं।
मेरा ह्रदय छोटा सा है
पर उसकी कई शाखाएं है
कोई करुणा से भरपूर
तो कोई आशाओंसे मगरूर।
ना जाने क्यों, मुझे सब अपने लगते है!
थोड़ी सी देर में चहेते हो जाते है
मेरे छोटे से दिल में जगा बना लेते है
और फिर वोही वादन मुझे सुनाते है।
मेरे साथ चलोगे तो बहुत ख़ुशी होगी
हरदम मेरी सांस आपमें ही रूकी रहेगी
मेरी आँखे आपका सुख ढूंढ रही होगी
देखेगी आपकी रूह में एहसास और खुशियां मनाएगी।
ये मेरा आशियाना है
जो हमेशा आपका शुक्राना अदा करना चाहता है
आप आये और मेरा दिल जीत लिया
में नहीं जान पाया पूरा और आपने कब्जा भी कर लिया।
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