मिली है चंद सासे
मिली है चंद सासे लेने के लिए
क्यों वो गुजर जाए बिन हिसाब दिए?
जिंदगी का हर पहलु अधूरा है
फिर भी प्यारा और मधुरा है
मिलते है ओर फिर बिछड़ते है
रोते है और बिलखते है
फिर खिलखिलाते है
कुछ पल ही ऐसे है जो आपको रुलाते है
मिलो बड़े प्यार से
सुनो बात बड़े चाव से
मरहम लगा दो घाव पर
जिंदगी को भी लगादो दांव पर
किस्मत में नहीं तो गम नहीं
सुबह ना है तो शाम सही
गिला किसी भी बात का नहीं]हर पल है मतलब का यंही
यादोंको संजोये रखो
दोस्तोंको दिल में बसाये रखो
वोही है असली पूंजी और अमानत
बाकी सब बेकार की बातें है अनगिनत
मुझे चाह है मिलन की
वो प्यारे से नयन कि
जो मुझे देखा करते थे
दूर से ही सही पर बात किया करते थे
आज दूर से सलाम करते है
फिर भी शुकून देते है
दिल में कोई भी नाराजगी नहीं है ]वर्तन में किसी प्रकार की आवारगी भी नहीं है
दिल बस एक बसेरा सा हो गया है
सुनहरा सवेरा जैसे दिल पर छा गया है
हर दिन एक नयी किरण लेके आता है
मन का खालीपा पलक जपकते दूर हो जाता है
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