आज तूने मुझे खूब रुलाया
जब मे सपनेमे तेरे आया
वहां कोई नहीं था मुझें बुलाने
सिर्फ तुही अकेली थी मुझ को संताने
में हँसता हु सिर्फ दिखाने के लिए
और कोसता रहता हूँ, गम मिटाने के लिए
गम तो सिर्फ एक बहाना है
अब रह गया बाकी, आंसू बहाना है
जब खुद को ही समज ना पाया
दूर टूजी को पाकर खूब रोना आया
पर शर्मिंदगी तो इस बात की है
तूने देखा फिर भी बात नहीं की है
अच्छा तो होता जब आँखे फेर ही लेती
ना बनती कोई लेती और देती
पर आँख चुरा ली महोब्बत का वादा डेकर
में भी सुनता रहा सिर्फ अन्धा बंन कर
सीना तो छलनी हो ही गया
उपर से आपने छोड़ दिया
में दर दर अब नही भटकुंगा
हो सकता है दिल से उसे माफ़ ही कर दूंगा
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