माहौल कर देना
ना आता है हमें तैरना
तय है हमारा डूबना
पकड़ लेना हाथ हमारा जब डूब ने लगे
देना भरोसा पक्का जब जीवन संवर ने लगे।
हम वैसे तो डूब नहीं सकते
फिर भी कुछ कह नहीं सकते’
हो सकता है हमारा इरादा पक्का ना हो
और हम चाहते ही ना हो।
हम चाहते है कोई हमारा हाथ थामे
हमारी किश्ती को एक दिशा दे
हम सौंप दे हमारे सब अधिकार
बस दुब जाए उसके प्यार में और हो जाए एकाकार।
बस हमें डूबने ना देना
हमारा हाथ पकड के रखना
कर देना सलामत हमारी हस्ती को
ऐसा माहौल कर देना जिसे मिल जाए पैगाम बस्ती को।
हम प्यार के परिंदे है
जो उड़ते तो है
पर अपना कुछ नहीं सोचते
प्यार की ही बोली को समझते।
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