बाते करने वाले दिलफेंक ही है
गरीबी का मजाक उड़ाया जा रहा है
ये धंधा बन के रह गया है
कई बच्चों को इस आड़ में धकेला जा रहा है
नवजात को भी किराए पे लाकर घुमाया जा रहा है।
यदि ऐसा है भी तो हम कुछ नहीं कर सकते
आप कुछ देके देखिये वो ही चीज़ काम दाम पर बीकते
आप ठण्ड में कम्बल डाल दीजिये किसी के तन पर
वोही आदमी फिर मिलेगा आपको खुल्ले बदन पर।
हमें पता है गुनाह है भीख मांगना या भीख को देना
इस से मिलता है शोषण करने का बहाना
मैंने देखा है कइयों को रिक्शा में आते हुए
फिर किसी चोराए पर भीख मांगते हुए।
सच्चाई को हम जितना जल्दी समझे बेहतर है
वर्ना हमारी और उनकी जिंदगी बदतर है
हम नहीं सुधार ला पाएंगे
ओर नहीं समाज की छबि में निखार ला पाएंगे।
हम उनका मजाक ना उड़ाए
ओर ना ही कभी अपशब्द का प्रयोग करें
ये अवमानना किसी को भी झेलनी पड सकती है
क्योंकी नसीब किस करवट बदले बताता नहीं है।
दया का भाव होना स्वाभाविक है
उत्तम कोटि का वो ही श्रावक है
जिस के दिल में थोड़ी सी भी मानवता की महेक है
वर्ना तो आजकल सभी बाते करने वाले दिलफेंक ही है
Leave a Reply