प्यारे कानाजी
रविवार, जुलाई २०१८
राधे, राधे, राधे, राधे
तुम बीन है हम आधे आधे
जीवन हम से भागे भागे
हरदम दुखड़ा जाए आगे।
राधे का मोहन
रहा मनभावन
सदा हसावन
जीवन बने नंदनवन।
जीवन की घट है न्यारी
पानी भरत है पनिहारी
पर आंखमिचौली करती नारी
प्रभू आप की है सदा बलिहारी।
राह देखे सब व्रजवासी
में रहूं सदा आप की प्यासी
जल में रहूं मिनपियासी
आपकी सूरत मेरे मन में बसी।
रटण करूँ में हरी हरी
कहाँ गए तुम व्रजविहारी
सखिया व्याकुल हो गई सारी
मन में बसे हो तुम मुरारी।
मेरा दुखड़ा दूर करो जी
तुम हो मेरे प्यारे कानाजी
अब तो सुन लो हमरी अरजी
हम नहीं कहते बाते फरजी
हसमुख अमथालाल मेहता
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