उनकी सोच
बुधवार, ९ जनवरी २०१९
वो थी उनकी सोच
पर हमारी भी थी लम्बी पहुँच
उन्होंने डाली नागचुड़ की पाश
हमने भी उन्हें नहीं किया निराश।
वो कहते गए
हम सुनते गए
कहीं भी हमने हामी नहीं भरी
उनकी आँखे भी देखती रही।
दिल तो हमारा भी मचल रहा
पर अपने इरादे में अचल रहा
हम और वक्त उन्हें देना चाहते थे
अपना मकाम मुकम्मल करना चाहते थे।
वो अभी मुझे अच्छे इंसान लगे
प्यार की झलक भी मुझे लगने लगी
पर सोचा थोड़ा ज्यादा वक्त दिया जाय
अपने आप में थोड़ा सम्हल लिया जाय।
कहानी आगे बढ़ी
हमारी भी इंतेझारी बढ़ी
हमको स्वर्ग की सीडी हाथ लगी
बस हमने भी झट से हामी भर दी।
हसमुख मेहता
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