उज्जवल सपने की कल्पना करें
मेरा नमो हर देशवासी को
मेरा नमन हर उस अप्रवासी को
जो देश के लिए गर्व महसूस करता है
जो अपने आप में एक साहस को जोड़ता है
भारत माता को मेरा मेरा कोटि कोटि प्रणाम
में सदैव करता रहूंगा उसका गुणगान
यही मेरा कर्तव्य है और येही देश की शान
इसीलिए में कहता हूँ ‘ना सहो कभी देश का अपमान’
‘मेरे बिना देश नहीं चल सकता’ ये मिथ्या अभिमान है
अपनी ही प्रशस्ति में गाया गया गुणगान है
कोई व्यक्ति या कुटुंब विशेष नहीं इसके आगे
मेरे अभ्यर्थना है की हर देशवाशी जागे
‘गरीब वहाँ का वहाँ है’ लेकिन हम दुनियाके धनवान
पूरा पैसा पास, शानो शौकत और ऊपर से अभिमान
‘हम ने ये किया हमने पैसा दिया’यह है व्यर्थ वखान
ये तो है पसीने कि कमाई और देश की कमान
कहते क्यों नहीं हमने महंगाई बढाई?
क्यों बहार गयी सम्पति को वापस नहीं लाइ?
क्यों सरेआम संरक्षण खरीदी में लूट मचाई?
आज देखनी पड रही है आज पनडुब्बियां और हवाई जहाज की तबाही।
बोफ़ोर्स का भूत अभी थमा नहीं है?
सिखों का क़त्ल अभी दिल से गया नहीं है
आदर्श गोटाला का सूत्रधार पहेली पंक्ति में खड़ा है
लेकिन भारत का मतदार भी आज मुड़ में अड़ा है।
कर के दिखाओ तो माने कहाँ खड़े हो?
वचन तो बहुत दिए पर निभाके पुरे करो तो जाने
अब वक्त आ गया है ‘करनी’ को दिखाना है
यदि दे दिया सुकान तो नैया को पार लगाना है।
जान बुजकर देश का संरक्षण संतुलन बिगाड़ा जा रहा है
भारत माँ की लाज का सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है
आ ओ मेरे साथ, जो विरासत में मिला है उसकी रक्षा करें
गरीब का सपना और भारत के उज्जवल सपने की कल्पना करें
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