सवाल
कुछ सवाल के जवाब
…….. खुद व खुद मिल जाते हैँ
कुछ सवाल के जवाब
…….. ढुंढते ढुंढते मिलते नहीं
कुछ सवाल के जवाब के लिए
…….. सालों साल बीत जाते हैं –
कुछ सवाल……? ?
मेरे सवालों का तुफान
………तुम्हारी खिडकी हो कर गुजर जाए
मेरे सवालों का बौछार में
……..तुम्हारा सारा बदन भीग जाए
मेरे सवाल सब शायद
……..तुम्हें कैसे कैसे लगते हैं –
मेरा सवाल……? ?
तुम्हारा जवाब तो हमेशा
……..एक ही जैसा लगता है
तुम्हारा जवाब भी कभी कभी
……..कैसा कैसा लगता है
तुम्हारे जवाब के इंतजार में
……..रात ढलकर दिन आए –
तुम्हारा जवाब……? ?
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