माटी का पींजरा
माटी का पूतला
माटी हीखावे
माटी के घर में
माटी पकावे है
माटी कमावे
माटी ही बांटे
माटी से खेलत
समझ न आवे है
माटी में राग रंग
माटी में जल तरंग
पीट पीट माटी को
खुशियां मनावे है
माटी का ताज़ तख़्त
माटी में दौड़े रक्त
प्राण प्रतिष्ठा भूल
माटी इठलावे है
माटी के सोना चांदी
माटी के माणिक
माटी की परत पे
परत चढ़ाये जावे है
जब प्राण पक्षी
पिंजरे से उड़ान भरे
माटी का पींजरा
माटी माटी हो जावे है
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