जब हम तुम साथ चलेंगे
और रिमझिम बारिश होगी
ये छतरी हमारे संग होगी
पर बारिश से नही बचेंगे
जब थोड़ा सा तुम भीगोगे
और थोड़ा सा मै भीगूँगी
इन ह्रदय पटल पे कुछ
इस तरह तरंगे उठेंगी
तू कितना भी हो वैरागी
ये वैराग न टिक पायेगा
ये जोगिन तेरे संग होगी
तो तू प्रेम में रंग जायेगा
प्रेम तरंगे झंकृत होंगी
प्रेम लता बन मै लिपटूंगी
हम तुम जब प्यार करेंगे
ये प्रेम विलक्षण होगा
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