कभी परिस्थिति रोकती है।
कभी वातावरण रोक देता है।
तो कभी असफलता सामने आती है।
तो कभी भेदभाव आड़े आ जाता है।
इन सब से जीतने के बाद घमंड दिल पर दस्तक करने लगता है।
घमंड को हरा देते है तो प्रशंशा दिल का रास्ता रोकती है।
अगर मुश्किल नहीं तो आसान भी नहीं।
रास्तो पर काटे बाधा बन कर खड़े हो जाते है।
बहुत कोशिश के बाद भी निकलती नहीं।
बहुत ही मजबूत जड़े है बुराई की, दिल है की शुद्ध होता नहीं।
है ईश्वर क्या करू बुराई जाती नहीं, दिल शुद्ध होता नहीं।
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