उसी की चाहत है।
उसी को पाना चाहते है।
उसी को देना भी चाहते है।
उसी के प्रभाव से शांति है।
वही तनाव से मुक्ति केंद्र है।
वही ख़ुशी का स्रोत्र है।
वही इंसान के गुस्से को नियंत्रण करता है।
वही इंसान को इंसान से जोड़ता है।
उसी से सुधार हो जाता है।
उसी से प्रगति की और जाते है।
सीमाए हर छेत्र में होती है।
उसी तरह अपवाद भी होते है।
पर फिर भी सबको
हर भाव में
प्यार लो
प्यार दो
प्यार को वितरित करो।
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